परिचय:
भारतीय सांस्कृतिक विरासत में दीपावली एक महत्वपूर्ण और आनंदमय पर्व है जिसे हम प्रतिवर्ष आनंद के साथ मनाते हैं। यह पर्व सफलता, प्रकाश, और समृद्धि के प्रती समर्पित है, और हमें सामाजिक सजगता और साझेदारी का महत्व याद दिलाता है। आइए, हम देखते हैं कि हम दीपावली को क्यों मनाते हैं और इसे कैसे मनाते हैं।
पौराणिक कथा:
दीपावली का महत्व पौराणिक कथाओं में छिपा हुआ है। एक प्रमुख कथा के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीराम अयोध्या लौटते हैं और उनके आगमन को स्वागत के लिए नागरिकों ने अपने घरों को दीपों से सजाया था। इस प्रकार, दीपावली को ‘रामायण का त्योहार’ भी कहा जाता है। दूसरी कथा के अनुसार, माता लक्ष्मी अपने भक्तों के घरों को प्रवेश करती हैं और उन्हें समृद्धि और धन का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
पूजा और साजगी:
दीपावली का महत्व है धर्मिकता, श्रद्धांजलि, और सजगता का। इस दिन घरों को दीपों, रंग-बिरंगी रौंगतों, और फूलों से सजाया जाता है। माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है, और लोग अपने घरों को साफ-सुथरा करते हैं ताकि देवी लक्ष्मी आसानी से उनके घर में प्रवेश कर सकें।
दीपावली के दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम, संगीत और नृत्य की शृंगारी उपस्थितियां भी होती हैं। लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं और मिठाईयों का आतिथ्य करते हैं।
सामाजिक साझेदारी:
दीपावली एक सामाजिक साझेदारी का पर्व भी है, जो सभी वर्गों को एक साथ मिलकर खुशी का अहसास कराता है। लोग अपने आस-पास के लोगों के साथ खुशियां बांटते हैं, दान और सेवा का अवसर बनाते हैं और आपसी मोहभंग को तोड़कर एक एक अच्छे समाज की दिशा में कदम बढ़ाते हैं।
निष्कर्ष:
दीपावली हमें सिखाता है कि प्रकाश का हमेशा साथी होता है और अंधकार को दूर करने का सही तरीका है। यह एक विशेष दिन नहीं, बल्कि एक आदर्श जीवन की दिशा